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25 अक्टूबर को लग रहा हैं सूर्य ग्रहण, जाने सूतक कब तक रहेगा !
2022 सूर्य ग्रहण तिथि और समय, साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला है, जो लगभग सभी राज्यों में दिखेगा। Surya-Grahan
2022 सूर्य ग्रहण (Surya-Grahan) तिथि और समय, साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर 2022 को लगने वाला है, जो लगभग सभी राज्यों में दिखेगा।
चलिए जानते हैं कि-
- सूतक कब हैं ? सूतक कब तक रहेगा?
- सूर्यग्रहण Surya-Grahan का समय क्या है, और
- सूर्यग्रहण के पश्चात क्या करना चाहिए ?
2022 सूर्य ग्रहण (Surya-Grahan) तिथि और समय
इस महीने सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को मंगलवार को तुला राशि में लगेगा।
यह सूर्य ग्रहण 4 घंटे 3 मिनट तक रहेगा।
2019, 2020 के बाद यह बड़ा सूर्यग्रहण भारत में दिखेगा।
2019 और 2020 में जब सूर्यग्रहण लगा था तो देश दुनिया पर इसका व्यापक असर देखा गया था। इस बार लगने वाला सूर्यग्रहण भी काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सूतक दिवाली की रात से ही लग रहा है। दरअसल इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है, इसलिए इस बार तीनों त्योहारों की तिथियों को लेकर संशय है।
ज्योतिषियों में मतभेद
कई ज्योतिषियों की मानें तो धनतेरस 23 अक्टूबर को है और 24 अक्टूबर को नरक चतुदर्शी और दिवाली एक दिन। वहीं कई और ज्योतिषियों का कहना है कि धनतेरस 22 अक्टूबर शनिवार को है। इसके पीछे उनका तर्क है कि इस बार कार्तिक के महीने में सप्तमी तिथि बढ़ रही है, इसलिए चतुदर्शी 23 को शाम को शुरू होगी और 24 को शाम को खत्म होगी, इसलिए दिवाली 24 को मनाई जाएगी, क्योंकि दिवाली पर अमावस्या तिथि की रात को पूजा की जाती है।
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इस बार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर की शाम 5.04 से आरंभ हो रही है जो 24 अक्टूबर की शाम 5.04 तक है। ग्रहण के कारण 25 को अमावस्या होने पर भी दीपावली नहीं मनाई जाएगी।
सूर्य ग्रहण का महत्त्व
सूर्य ग्रहण एक भौगोलिक क्रिया है, जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व है. जब भी सूर्य या चंद्र ग्रहण लगता है, उसका असर राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों तरह से देखने को मिलता है. दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लगने वाला है. जानकारों के मुताबिक यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. इसका शुभ असर 5 राशियों पर देखने को मिलेगा. इन राशि के जातकों का सोया भाग्य जाग उठेगा.
किन राशियों पर होगा प्रभाव
इस दौरान सूर्य तुला राशि में होंगे और तुला राशि में सूर्य नीच राशि के मानी जाते हैं। साथ ही इस ग्रहण की अवधि 4 घंटे 3 मिनट की होगी। वहीं इस ग्रहण का असर सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। लेकिन 4 राशियां ऐसी हैं, जिनको इस दौरान विशेष सावधान रहने की जरूरत है।
आइए विस्तार से जानते हैं सूर्यग्रहण का समय और सूतक का समय दिल्ली, कोलकाता, मुंबई,जैसलमेर में
दिल्ली में सूर्य ग्रहण का समय
नयी दिल्ली में इसकी शुरुआत शाम चार बजकर 29 मिनट पर होगा और शाम छह बजकर नौ मिनट पर खत्म होगा, लेकिन पांच बजकर 42 मिनट पर यह अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य के 24.5 फीसदी हिस्से को ढंक लेगा।
कोलकाता में सूर्य ग्रहण का समय
कोलकाता में आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम चार बजकर 52 मिनट पर होगी, जो शाम पांच बजकर एक मिनट पर अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा। लेकिन सूर्यास्त के कारण यह शाम पांच बजकर तीन मिनट के बाद नहीं दिखेगा।
जैसलमेर में सूर्य ग्रहण का समय
राजस्थान के जैसलमेर में सूर्यग्रहण शाम चार बजकर 26 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम छह बजकर नौ मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर साढ़े पांच बजे दिखेगा।
मुंबई में सूर्य ग्रहण का समय
मुंबई में सूर्यग्रहण शाम चार बजकर 49 मिनट पर दिखना शुरू होगा जो शाम छह बजकर नौ मिनट तक रहेगा, जबकि इसका सर्वोच्च स्तर पांच बजकर 42 मिनट पर दिखेगा। दक्षिण और मध्य भारत में सूर्य ग्रहण शाम चार बजकर 49 मिनट से शाम पांच बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
सूर्यग्रहण का समय 25 अक्टूबर 2022
- सूर्य ग्रहण का प्रारंभ दोपहर में 2 बजकर 29 मिनट।
- सूर्य ग्रहण का मध्य काल शाम 4 बजकर 30 मिनट।
- ग्रहण समाप्त शाम को 6 बजकर 32 मिनट पर।
- सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 3 मिनट है।
कब लगेगा सूतक (सूतक कब तक)
सूर्ग्र ग्रहण का सूतक सूर्य ग्रहण के आरंभ होने से 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण का आरंभ 25 अक्टूबर को 2 बजकर 29 मिनट होने से ग्रहण का सूतक 24 अक्टूबर दिवाली की रात 2 बजकर 29 मिनट से लग जाएगा। ऐसे में सूर्य दिवाली की रात देवी लक्ष्मी की आराधना और मंत्र जप करना बहुत ही शुभ फलदायी रहेगा। दिवाली की रात सूतक लग जाने के बाद से मंदिर के दरवाजे बंद हो जाएंगे और ग्रहण संबंधी नियमों का पालन, देवी-देवताओं का स्पर्श 24 तारीख की रात से अगले दिन शाम तक नहीं किया जाएगा।
सूर्यग्रहण के बाद क्या करें
सूर्यग्रहण लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्यग्रहण के तुरंत बाद लोगों को स्नान करने के बाद जप और पूजा पाठ करना चाहिए। इसके अलावा कार्तिक मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थ स्नान, दान करने का विशेष महत्व होगा। शास्त्रों में बताया गया है कि इस तरह की गतिविधियों के बाद मनुष्य का शरीर अपवित्र हो जाता है। इसलिए स्नान करना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, धार्मिक मान्यताएं कहती है कि सूर्य ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
सूतक में वर्जित कार्य कौनसे है
- सूतक में घर में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.
- सूतक में कोई भी सामाजिक कार्य में सहभागी नहीं होना चाहिए.
- सूतक में अन्य के वहां भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.
- सूतक में भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए.
- सूतक में व्रत आदि नहीं करना चाहिए.
- सूतक में कोई भी मांगलिक कार्य में भी सहभागी होने से बचना चाहिए.
- सूतक में किसी के भी घर नहीं जाना चाहिए. और बीना वजह भ्रमण नहीं करना चाहिए. सूतक में अपने घर पर रहकर सभी नियमों का पालन करना चाहिए.
- सूतक के दौरान अगर किसी का जन्म होता हैं. तो भजन आदि करके समय गुजारें. तथा किसी की मृत्यु होती है तो गरुड़ पुराण सुनकर अपना समय व्यतीत करे.
- सूतक का समय समाप्त हो जाने के पश्चात स्नान आदि करके तथा पंचगव्य का सेवन करके अपने आप को शुद्ध कर ले.
- सूतक के दौरान घर के किसी भी सदस्य को मंदिर आदि में दर्शन करने के लिए भी नहीं जाना चाहिए.
- जिस घर में सूतक होता हैं. उस घर के सदस्यों को बाहर के व्यक्ति को छूना नहीं चाहिए. तथा सूतक वाले घर से जल तथा अन्न भी ग्रहण नहीं करना चाहिए.
- सूतक के दौरान घर के सदस्यों को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से भी बचना चाहिए.
- सूतक के दौरान किसी के घर पर जाना भी वर्जित माना जाता हैं. सूतक के दौरान घर पर रहकर ही सूतक के सभी नियमों का पालन करना चाहिए.
सूतक काल भारत में नहीं
ज्योतिष की मानें तो मुख्य रूप से सूर्य ग्रहण का सूतक काल वहीं होता है, जहां पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां पर सूतक काल नहीं माना जाएगा।