समसामयिक
मोदी जी के परम मित्र शिंजो अबे नहीं रहे Shinzo abe का भारत से पुराना नाता
शिंज़ो आबे Shinzo Abe एक जापानी राजनेता थे। जिन्होंने 2006 से 2007 तक और फिर 2012 से 2020 तक जापान के प्रधान मंत्री और उदार लोकतांत्रिक दल (एलडीपी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री थे। भारत के परम मित्र व जापान की राजनीति में प्रिंस कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ‘शिंजो आबे’ की आज गोली मारकर हत्या का दी गयी है।
भारत के परम मित्र व जापान की राजनीति में प्रिंस कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री ‘शिंजो आबे’ (Shinzo abe) की आज गोली मारकर की गई हत्या के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का हत्यारा जापानी ‘मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स’ का एक पूर्व सदस्य है । शिंजो आबे के पकड़े गए हत्यारे ने बताया है कि वह उनकी नीतियों से नाखुश था।
पकड़ा गया हत्यारा चीन का कट्टर समर्थक है ओर पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे चीन के कट्टर समालोचक थे। गलवान घाटी में हुए हिंसा को लेकर वह सीधे-सीधे चीन के “विस्तार वादी” नीतियों की आलोचना किया था ओर ताईवान को लेकर चीन की नीतियों के खिलाफ वह कट्टर समालोचक थे। शिंजो के 41 वर्षीय हत्यारा, उनकी हत्या के लिए काफी दिनों से प्लानिंग कर रहा था।
शिंजो अबे का संछिप्त जीवन परिचय Shinzo abe ka jeevan Parichay
शिंज़ो आबे (Shinzo abe) (21 सितंबर 1954 – 8 जुलाई 2022) एक जापानी राजनेता थे, इनका जन्म 21 सितम्बर 1954 में टोकियो के एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार में हुआ था। उनके दादा काँन आबे और पिता शिंटारो अबे दोनों ही राजनेता थे। इनकी मां योको किशी 1957 से 1960 तक जापान के प्रधानमंत्री रह चुके नोबुसेकु किशी की बेटी थीं।
14 जुलाई 2006 को, आबे का उद्घाटन जापान के प्रधानमंत्री आबे के रूप में हुआ, 52 वर्ष की आयु में चुने गए, 1941 में फ्यूममेरो कोनोई के बाद से सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे।
जिन्होंने 2006 से 2007 तक और फिर 2012 से 2020 तक जापान के प्रधान मंत्री और उदार लोकतांत्रिक दल (एलडीपी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री थे। जापानी इतिहास में आबे ने 2005 से 2006 तक जूनीचीरो कोईजूमी के अधीन मुख्य कैबिनेट सचिव के रूप में भी कार्य किया और 2012 में विपक्ष के कुछ समय के लिए नेता थे।
शिंजो अबे Shinzo abe पर हमला
जापान के पश्चिमी शहर ‘नारा’ में एक ट्रेन स्टेशन के बाहर वह लोगों के बीच प्रचार कर रहे थे। लोगों को संबोधित किए जाने के दौरान हत्यारे ने उन पर सीधे दो गोलियां चलाई, और गोली चलते ही सुरक्षा अधिकारी उस हत्यारे पर टूट पड़े। ग्रे टी-शर्ट और बेज रंग की पतलून में संदिग्ध को ‘अधिकारियों’ ने किसी तरह से काबू में किया ! हालांकि, तब तक शिंजो को गोली लग चुकी थी और उनकी हालत नाजुक हो चुकी थी। पकड़े गए हत्यारे के घर से काफी मात्रा में विस्फोटक जब्त किया गया है परंतु चीन में शिंजो अबे की मारे जाने की जश्न मनाया जा रहा है, वहां के सोशियल मिडिया में इसको लेकर लोगों में जश्न के माहौल है।
भारत के परम मित्र व जापान के सबसे लोकप्रिय नेता शिंजो अबे जी के आत्मा को भगवान अपने चरणों में शरण दें । 🙏
शिंजो अबे का भारत से पुराना नाता
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुआ था आबे परिवार का रिश्ता मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी तक चला। शिंजो आबे Shinzo abe, 1957 में स्वतंत्र भारत की यात्रा करने वाले पहले जापानी प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी के पोते हैं। आबे का भारत से नाता बचपन से जुड़ा था। आबे ने अपनी भारत यात्रा के दौरान उन कहानियों को याद किया था जो उन्होंने बचपन में अपने दादा की गोद में बैठकर भारत के बारे में सुनी थीं।
शिंजो आबे के निधन से पीएम मोदी स्तब्ध
⚡नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे Shinzo abe के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक उल्लेखनीय प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
⚡पीएम मोदी ने कहा कि, शिंजो अबे के साथ मेरा लगाव कई साल पुराना है. मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से उन्हें जानता था और मेरे पीएम बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनके दृष्टिकोण ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।
हाल ही में जापान यात्रा के दौरान मुझे शिंजो आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वह हमेशा की तरह मजाकिया और समझदार थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।
भारत में 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक
⚡शिंजो आबे Shinzo abe ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ दुख की इस घड़ी में शामिल है और हम इस कठिन परिस्थिति में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।
⚡पीएम मोदी ने ऐलान किया है कि, जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो अबे के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में 9 जुलाई 2022 को देश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।
⚡बता दें कि, शिंजो आबे Shinzo abe को जापान के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान शुक्रवार को गोली मार दी गई थी। गंभीर रूप से घायल आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया. जहां बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
शिंजो अबे के निधन पर मोदी जी का ब्लॉग
मोदी जी का शिंजो अबे से दोस्ती पुरानी
इस वर्ष मई में अपनी जापान यात्रा के दौरान, मुझे अबे से मिलने का अवसर मिला, जिन्होंने अभी-अभी जापान-भारत संघ के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया था। वह अपने सामान्य आत्म-ऊर्जावान, मनोरम, करिश्माई और बहुत मजाकिया थे। उनके पास भारत-जापान मित्रता को और मजबूत करने के बारे में नवीन विचार थे। उस दिन जब मैंने उन्हें अलविदा कहा था, तो मैंने सोचा भी नहीं था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी।
मैं उनकी गर्मजोशी और ज्ञान, कृपा और उदारता, दोस्ती और मार्गदर्शन के लिए हमेशा ऋणी रहूंगा, और मैं उन्हें बहुत याद करूंगा। हम भारत में उनके निधन पर शोक मनाते हैं, जैसे उन्होंने हमें खुले दिल से गले लगाया। वह वही करते हुए मर गया जिससे वह सबसे ज्यादा प्यार करता था – अपने लोगों को प्रेरित करना। उनका जीवन भले ही दुखद रूप से छोटा हो गया हो, लेकिन उनकी विरासत हमेशा के लिए कायम रहेगी। मैं भारत के लोगों की ओर से और अपनी ओर से जापान के लोगों, विशेष रूप से श्रीमती अकी आबे और उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। शांति।