तीज त्यौहार
When Chaitra and Shardiya Navratri 2023 Dates, पूजा, सामग्री और कलश स्थापना विधि
Chaitra and Shardiya Navratri 2023 Dates: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि तिथि 2023? नवरात्रि मनाने के कारण 9 देवियों के नाम उनकी पूजा करने कि विधि, सामग्री
Last updated on October 12th, 2023 at 05:58 pm
Chaitra and Shardiya Navratri 2023 नवरात्रि मनाने के कारण, 9 देवियों के नाम उनकी पूजा करने कि विधि, सामग्री, उनके रूपों का वर्णन
नवरात्रि (नवरात्र) मनाने के कारण ?
नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें, नवरात्रि शब्द की उत्त्पत्ति संस्कृत से हुई है।हिन्दू धर्म के अंतर्गत इन नौ दिनों की बहुत मान्यता है। पुरे हिंदुस्तान में नवरात्रि बहुत व्यापक रूप में मनाया जाता है।
नारी शक्ति देवी दुर्गा को समर्पित नवरात्र का यह पर्व एक वर्ष में चार बार आता है लेकिन इनमें से दो नवरात्रों को गुप्त नवरात्र माना जाता है और लोगो द्वारा सिर्फ चैत्र तथा शारदीय नवरात्र को ही मुख्य रूप से मनाया जाता है।
Read More—-> Gudi Padwa- Marathi Happy New Year Festival Wishes Quotes | मराठी नव वर्ष गुडी पाडवा 2022 हार्दिक शुभेच्छा हिन्दी English और मराठी में
चैत्र नवरात्र के पीछे असल कहानी क्या है? Chaitra and Shardiya Navratri 2023 Dates
एक प्रमुख मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही माँ दुर्गा का जन्म हुआ था और उनके कहने पर ही भगवान ब्रम्हा ने संसार की रचना की थी। यहीं कारण है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हिंदू नववर्ष भी मनाया जाता है। इसके अलावा पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्रि में ही हुआ था।
इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है। महिषासुर नाम का एक बड़ा ही शक्तिशाली राक्षस था। वो अमर होना चाहता था और उसी इच्छा के चलते उसने ब्रह्मा की कठोर तपस्या की। ब्रह्माजी उसकी तपस्या से खुश हुए और उसे दर्शन देकर कहा कि उसे जो भी वर चाहिए वो मांग सकता है। महिषासुर ने अपने लिए अमर होने का वरदान मांगा।
Read More—> Best Happy Navratri Wishes in Hindi and English | हैप्पी नवरात्री शायरी सन्देश | माँ दुर्गा Wallpapers
नवरात्रि कथा पुस्तक —> Navratri Ka 9 Din ka Path
शारदीय नवरात्र के पीछे असल कहानी क्या है? Chaitra and Shardiya Navratri 2023 Dates
हिन्दू नौ दिन और दस रातों तक नौ देवियों की पूजा-अर्चना करते हैं और दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि दीवाली के पहले आती है और इसका विशेष महत्त्व होता है जिसके दसवें दिन दशहरा मनाया जाताहै। Chaitra and Shardiya Navratri 2023 Dates
नवरात्रि के नौ दिनों में 3 देवियों के नौ स्वरुप की पूजा की जाता है –
महालक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती, और इन्हें ही नौ दुर्गा कहा जाता है।
प्राचीन समय से लोग इन नौ दिनों का उपवास रखते हैं सबके उपवास के तरीके अलग –अलग हैं जैसे कोई नौ दिन भोजन ग्रहण नहीं करता, कई लोग जल भी ग्रहण नहीं करते। इस तरीके की कई मान्यताएं और विश्वास नवरात्रि को लेकर हिंदुस्तान में व्याप्त है।
चैत्र नवरात्रि 2023, 22 मार्च से शुरू होने जा रही है जिसका समापन 31 मार्च को होगा।
शारदीय नवरात्रि 2023, 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है जिसका समापन 24 अक्टूबर को होगा।
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन (Chaitra Navratri Date):
प्रतिपदा – 22 मार्च बुधवार को मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.
द्वितीय – 23 मार्च गुरुवार को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी.
तृतीया –24 मार्च शुक्रवार को मां चंद्रघंटा पूजा की पूजा होगी.
चतुर्थी – 25 मार्च शनिवार को चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होगी.
पंचमी – 26 मार्च रविवार को मां स्कंदमाता पूजा की पूजा होगी.
षष्ठी – 27 मार्च सोमवार को मां कात्यायनी की पूजा होगी.
सप्तमी – 28 मार्च मंगलवार को मां कालरात्रि की पूजा की जाएगी.
अष्टमी – 29 मार्च बुधवार को मां महागौरी की पूजा की जाएगी.
नवमी – 30 मार्च गुरुवार को मां सिद्धिदात्री पूजा
दशमी- 31 मार्च शुक्रवार को व्रत का पारण किया जाएगा.
शारदीय नवरात्रि के नौ दिन (Shardiya Navratri Date):
प्रतिपदा- 15 अक्टूबर शनिवार को पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.
द्वितीय –1६ अक्टूबर रविवार को दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी.
तृतीया-17 अक्टूबर सोमवार को तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी
चतुर्थी-18 अक्टूबर मंगलवार को चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा होगी
पंचमी -19 अक्टूबर बुधवार को पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होगी.
षष्ठी – 20 अक्टूबर गुरुवार को छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी.
सप्तमी –21 अक्टूबर शुक्रवार को सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होगी.
अष्टमी –22 अक्टूबर शनिवार को आठवें दिन कन्या पूजन होगा और मां महागौरी की पूजा की जाएगी.
नवमी –23 अक्टूबर रविवार को नवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी, हवन होगा और कन्या पूजन किया जाएगा. नवरात्रि व्रत का पारण भी किया जाएगा
दशमी –24 अक्टूबर सोमवार को दशमी के दिन माँ दुर्गा का विसर्जन होगा और दशहरा का पर्व भी मनाया जाएगा.
1- प्रथमा तिथि, नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा
इस दिन हमें देवी को भोग में केला अवश्य अर्पित करना चाहिए।
2- द्वितीया तिथि, सर्वार्थ सिद्धि योग, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ के भोग में देशी घी अवश्य अर्पित करना चाहिए।
3- तृतीया तिथि, सर्वार्थ सिद्धि योग, मां चंद्रघंटा की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ के भोग में नमकीन मक्खन अवश्य अर्पित करना चाहिए।
4- चतुर्थी तिथि, मां कुष्मांडा की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ के भोग में मिश्री अवश्य अर्पित करना चाहिए।
6- षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ को भोग स्वरुप माल पुआ अवश्य चढ़ाना चाहिए।
7- सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ को भोग के रुप में शहद अवश्य चढ़ाना चाहिए।
8- अष्टमी तिथि, मां महागौरी की पूजा
इस दिन हमें देवी माँ को भोग के रुप में गुढ़ या नारियल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
9- नवमी तिथि, मां सिद्धिदात्रि की पूजा Chaitra and Shardiya Navratri 2023
इस दिन हमें देवी माँ को भोग के रुप में धान का हलवा अवश्य अर्पित करना चाहिए।
नवरात्रि में पूजा–अर्चना की विधि :
हर पूजा और उपवास को करने के खास तरीके होते हैं जो पूजा और उपवास को सफल बनाते हैं। पूजा करने के लिए सबसे पहले हमारे पास पूजन सामग्री होना अत्यंत आवश्यक है। तो हम सबसे पहले पूजा की सामग्री लायेंगे.
नवरात्रि/ नवदुर्गा माता पूजा/ पूजन कि सामग्री पूजा विधि के साथ यहाँ से ख़रीदे–Navratri/Navdurga MATA Puja/Pujan Kit with Pooja Vidhi (with Improved Packaging)
- मूर्ति स्थापना के लिए चौकी की व्यवस्था
- माता की मूर्ति
- चौकी के लिए लाल या पीला कपडा
- माँ के लिए लाल चुनरी या लाल / पीली साडी
- दुर्गा सप्तशती की पुस्तक
- ताम्बे का कलश
- आम के ताज़े पत्ते
- फूल और फूल माला
- नारियल, पान, गोल सुपारी, कपूर, रोली, सिन्दूर, मौली, चन्दन, चावल.
- अगरबत्ती, धूपबत्ती इत्यादि.
- हवन कुंड
- आम की सुखी हुई लकड़ियाँ
- रोली या सिन्दूर
- काले तिल, जौ, धुप, चीनी, पंच मेवा, घी, लोबान, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर, हवन के लिए मिठाई या हलवा, आचमन के लिए जल इत्यादि.
- इसके बाद बात आती है कलश स्थापना की तो कलश स्थपाना की भी विधि होती है उसके लिए जरुरी सामग्री होती है,
- ताम्बे का कलश
- कलश एवं नारियल पर बांधने के लिए मौली
- आम के धुले हुए कुछ पत्ते
- रोली जिससे कलश पर स्वास्तिक बनाया जा सके
- कलश में भरने के लिए जल
- जल में डालने के लिए केसर, एवं सिक्का
- कलश के नीचे रखने के लिए चावल या गेंहू भी रख सकते हैं।
ध्यान रखने योग्य बातें: जो लोग नवरात्रि में उपवास और पूजन करते हैं वो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें, जैसे-
- तुलसी की पत्ती न चवाएं,
- माता की मूर्ति ऐसी न हो जिसमें शेर दहाड़ता हुआ हो,
- देवी पर कभी भी दूर्वा नहीं चढ़ाएं,
- अगर अखंड ज्योत जलाई है तो घर खाली न छोडें,
- आसन पर बैठ कर ही पूजा करें,
- जूट या ऊन के आसन का उपयोग न करें,
- नवरात्रि में बाल न कटवाएं,
- नौ दिन नाख़ून भी न काटें
- प्याज, लहसुन, मांस का सेवन न करें,
- काले कपड़ो का त्याग करें
नवरात्रि त्यौहार के प्रमुख बिंदु Chaitra and Shardiya Navratri 2023
- नवरात्रि के त्यौहार को हम नवरात्रि के अलावा नवराते, नवरात्र आदि नामों से भी पुकार सकते हैं। यह त्यौहार हिंदी महीने के अनुसार प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाया जाता है।
- नवरात्रि के नौवें दिन को महा नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
- हमारे देश में नवरात्रि त्यौहार को मनाने के लिए सभी राज्यों में जहग-जगह रामलीला का मंचन होता और दसवें दिन राम एवं रावण के युद्ध का मंचन करके रावण का वध किया जाता है और रावण के वध की ख़ुशी में अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में बहुत धूमधाम से पटाखे इत्यादि फोड़कर उत्सव मनाया जाता है।
- नवरात्रि के त्यौहार में कुछ लोग व्रत रहते हैं और वे केवल पानी पीकर माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कड़ी पूजा अर्चना करते हैं, जैसे हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पुरे नौ दिनों तक केवल पानी पीकर माँ दुर्गा के लिए नवरात्रि के लिए व्रत रखते हैं।
- नवरात्रि के त्यौहार को बंगाल में एक अलग तरीके से मनाया जाता है। बंगाल के लोग नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा आराधना करने के बाद उनकी प्रतिमा या मूर्ति को जल में प्रवाहित करके उत्सव मनाते हैं।
- गुजरात के लोग माँ दुर्गा का पंडाल सजाकर उसमें माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं और पुरे नौ दिनों तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसके साथ वे गरबा नृत्य एवं डांडिया का आयोजन करके पुरे नवरात्र उत्सव मनाते हैं।
- उत्तर भारत में लोग नवरात्रि के अंतिम दिन 9 कन्याओं को देवी के रूप में बुलाकर उनको भोजन कराते हैं एवं उनसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- नवरात्रि में पूजी जाने वाली सभी देवियों में माँ काली के स्वरूप को सबसे उच्च स्थान प्रदान किया जाता है।
- नवरात्रि त्यौहार के नौ दिनों तक आपको चमड़े की चीजों जैसे पर्स, बेल्ट, जुते इत्यादि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना करने से माँ के आशीर्वाद स्वरूप हमें एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे हम अच्छाई के मार्ग पर आगे बढ़ सकें।