तीज त्यौहार
जानिये भाई दूज कब है? शुभ मुहूर्त, महत्त्व और पौराणिक कथा
भाई दूज कब है? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज के दिन भाई यमुना में स्नान करते हैं, तो उन्हें यमराज के प्रकोप से मुक्ति भी मिलती है।
Last updated on September 25th, 2023 at 05:20 pm
आइए जानते है 2023 में भाई दूज कब है? भैया दूज बहनों का अपने भाई के प्रति स्नेह, विश्वास एवं प्रेम का त्यौहार है। भैया दूज दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। राखी और भाई दूज साल के दो ऐसे त्यौहार है जो बहनों और भाइयों के स्नेह और पवित्रता को दर्शाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भैया दूज को हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस त्यौहार को अत्यंत उत्साह एवं प्रेम से भाई और बहनों के द्वारा मनाया जाता है। भाई दूज कब है, भाई दूज की कहानी, भाई दूज कब है 2023 टाइम, भैया दूज की कथा
इस खास पर्व में बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वहीं भाई बहनों को शगुन के रूप में उपहार देते हैं।
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शास्त्रों के अनुसार, इस दिन यमदेव अपनी बहन यमुना के बुलावे में उनके घर भोजन करने गए थे। तब से इस पर्व की शुरुआत हुई। इस दिन देवता यमराज की पूजा की जाती है।
भाई दूज 2023 का शुभ मुहूर्त – भाई दूज कब है?
तिथि | तारीख | समय |
---|---|---|
शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि प्रारंभ | 14 नवम्बर | 2:36 PM |
शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि समाप्त | 15 नवम्बर | 1:47 PM |
भाई दूज शुभ मुहूर्त | 15 नवम्बर | 01:09 PM से 01:49 PM तक |
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पूजा विधि – Bhai Dooj Pooja Vidhi in Hindi
- लकड़ी के आसन पर चावल के आटे से चौक बनाएं।
- रोली, चंदन, घी का दीपक, फूल और मिठाई से थाल सजाएं।
- भाई को लकड़ी के आसन पर बिठाकर उसकी हथेली पर चावल का घोल लगाएं।
- हाथों में पान और सुपारी इत्यादि चीज़ें रखें।
- भाई के माथे पर तिलक लगाकर आरती उतारे।
- अब कलावा बांधकर मुंह मीठा कराएं और भाई की लंबी उम्र की कामना करें।
- भाई-बहन को प्यार, स्नेह और आशीर्वाद दें।
- शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीपक जलाकर घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर रखें।
पौराणिक कथा
सूर्यदेव भगवान की पत्नी छाया की दो संतान थी जिनका नाम यमराज और यमुना था। यमुना अपने भाई यमराज से हमेशा घर आकर भोजन करने का निवेदन करती थी लेकिन यम व्यस्त होने के कारण अपनी बहन के घर नहीं जा पाते थे। एक बार जब कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए बुलाया तो यमराज मना नहीं कर सके और बहन के घर भोजन करने चले गए। यमराज ने रास्ते से नरक में रहने वाले लोगों को भी मुक्त कर दिया। जब यमराज अपनी बहन के घर पहुंचे तो बहन यमुना उन्हें देखकर बहुत खुश हुई और टीका लगाकर भाई का स्वागत किया। बहन यमुना के हाथों से यमराज ने भोजन ग्रहण किया।
यमराज ने प्रसन्न होकर अपनी बहन से कुछ वरदान मांगने को कहा। यमुना ने वरदान मांगा कि भाई आप प्रतिवर्ष इसी दिन मेरे यहां भोजन करने आएंगे। इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे तुम्हारा भय नहीं होगा। बहन की ये बात सुनकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया। तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि कार्तिक शुक्ल द्वितीय को जो भाई अपनी बहन का आतिथ्य स्वीकार करते हैं उन्हें यमराज का भय नहीं रहता। इस दिन यमुना नदी में स्नान का भी महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन जो भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।
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2023 में भाई दूज कब हैं?
15 नवम्बर 2023 दिन बुधवार को भाईदूज का त्यौहार मनाया जायेगा।
भाई दूज कैसे मनाते हैं?
इस खास पर्व में बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती है। वहीं भाई बहनों को शगुन के रूप में उपहार देते हैं।