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एक अन्य धर्मांध ने लिखा कि, “आप लोगों को समझना चाहिए कि मिट्टी से बनी ये मूर्तियां कोई काम नहीं करेंगी। क्योंकि ये मूर्तियाँ अर्थहीन हैं। इसलिए तुम्हें अपने रचयिता अल्लाह पर ईमान लाना चाहिए।”
बांग्लादेशी क्रिकेटर सौम्या सरकार के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ है जहां एक बच्चे ने बांग्लादेशी खिलाड़ियों में मुस्लिम खिलाड़ियों से मिलने की इच्छा जताई लेकिन सौम्या सरकार से नहीं। उस बच्चे से जब इसका कारण पूछा गया तो उसने स्पष्ट तौर पर कहा कि सौम्या सरकार हिंदू हैं। सोचिए, एक नन्हे से बालक में आप ये विष भर रहे हैं कि आप इससे इसलिए मत मिलें या वार्तालाप करें क्योंकि वो इस पंथ का है। ये घृणा लेकर जाओगे कहां, जन्नत? अगर इनकी कोई वास्तव में जन्नत होती तो इतनी घृणा पर शायद ही इन्हें वो स्थान प्राप्त होगा। शायद शौर्य में ब्रिगेडियर रुद्र प्रताप सिंह इन लोगों के बारे में गलत नहीं कहते थे।