जानिये देवी माँ का नवां स्वरुप माँ सिद्धदात्री के बारे में

जय माता दी

नवरात्र के नौवें दिन दुर्गाजी के नौवें स्वरूप मां सिद्धदात्री की पूजा और अर्चना का विधान है।

सिद्धगंधर्वयक्षाद्यै:,  असुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

इस दिन हमें देवी माँ को भोग के रुप में धान का हलवा अवश्य अर्पित करना चाहिए।

मां सिद्धिदात्री के पास अणिमा, महिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, गरिमा, लघिमा, ईशित्व और वशित्व यह आठ सिद्धियां हैं। ये आठों सिद्धियां मां की पूजा और कृपा से प्राप्त की जा सकती हैं।

भगवान शिव ने भी इन्ही देवी की कठिन तपस्या कर इनसे आठों सिद्धियों को प्राप्त किया था। साथ ही मां सिद्धिदात्री की कृपा से महादेव का आधा शरीर देवी की हो गई थी और वह अर्धनारीश्वर कहलाए।

मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कुंवारी कन्याओं का घर बुलाकर उनके पैर धोकर आशीर्वाद लेना चाहिए