कहानी सुनना किस बच्चे को अच्छा नहीं लगता हैं बचपन से हम अपनी दादी नानी से कहानियां सुनते चले आ रहे हैं । हमारे इस आर्टिकल में हम बच्चो के लिए प्रेरणादायी कहानी short kids stories लेकर आये हैं, हर एक कहानी बच्चे को कोई न कोई सीख जरुर देंगी। ये कहानियां बच्चो को अच्छे और बुरे के बीच में अंतर करना सिखाएगी, उनके बुद्धि का विकास होगा और अच्छे कर्म और बड़ो का सम्मान करने की प्रेरणा मिलेंगी । हम आपके लिए लेकर आये हैं Kids stories, Hindi short stories, kids short stories, बच्चो की कहानियाँ, moral stories for children in Hindi, Bedtime stories for kids, Famous kids stories, short stories for kids in Hindi, बच्चों की कहानी, छोटी बाल कहानी, बच्चो की बाल कहानियाँ, बच्चो के लिए प्रेरक कहानियाँ, छोटे बच्चो की मजेदार कहानियां
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कछुआ और खरगोश Famous Kids Story of Tortoise and Rabbit
कछुआ और खरगोश की कहानियां ज़माने से चली आ रही हैं यह कहानी हमारे बच्चो एक एक महत्वपूर्ण सीख देती हैं।
एक समय की बात हैं खरगोश ने सोचा क्यों न कछुए के साथ दौड़ लगाई जाए। उसने कछुए से कहा चलो दौड़ लगते हैं और कछुआ मान गया, दोनों के बीच दौड़ शुरू हो गई।
जैसा की हम सभी जानते हैं की खरगोश अपनी गति और चतुराई के लिए भी जाना जाता है। दूसरी ओर, कछुए काफी और निश्चित रूप से, जीवन के सभी पहलुओं में धीमे हैं।
खरगोश की गति तेज होने के कारण वह कछुए से काफी आगे निकल गया। खरगोश को अपने गति (speed)
+ पर घमंड था। उसने पीछे मुड़कर देखा कछुआ दूर दूर तक कही नज़र नहीं आ रहा था खरगोश ने सोचा कि थोडा सा आराम कर लेता हूँ अभी तो कछुआ बहुत पीछे हैं । फिनिशिंग लाइन से ठीक पहले वह एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा और उसे नींद आ गयी ।
दूसरी ओर, कछुआ, खरगोश की तुलना में काफी धीमा था। लेकिन, वह बिना रुके दौड़ लगाता रहा। धीरे–धीरे दौड़ लगाकर कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुच गया जब खरगोश की नींद खुली तो उसने देखा की कछुआ फिनिशिंग लाइन पर कर चूका है इस प्रकार कछुआ race जीतने में कामयाब रहा, और खरगोश हाथ मलता रह गया (पछताता रह गया)।
कहानी से सीख: आलस्य और घमंड हमारा सबसे बड़ा शत्रु है, इसलिए कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए जब तक आप नियमित और दृढ़ हैं, आप हमेशा जीतेंगे, चाहे आपकी गति कुछ भी हो।
वफादार नेवला Hindi short stories for kids
बहुत समय पहले की बात हैं, एक गांव में एक किसान अपनी पत्नी और नन्हे बच्चों के साथ रहता था। एक दिन काम के बाद जब किसान अपने घर लौट रहा था तब वह अपने साथ एक छोटा सा नेवला घर ले आया। उसने अपनी पत्नी से कहा हमारे बच्चों के साथ हम इस नेवले को भी पाल लेंगे। परन्तु किसान की पत्नी को नेवले पर पूरा विश्वास नहीं था।
एक दिन किसान की पत्नी अपने बच्चे को सुला कर बाजार चली गई और नेला बच्चे की रक्षा कर रहा था। तभी उसने देखा की एक सांप बच्चे की तरफ आगे बढ़ रहा हैं । नेवला सांप से लड़ गया और सांप को मार डाला।
किसान की पत्नी जब बाजार से फल और सब्जियां लेकर घर आई तो उसने देखा कि नेवला आँगन में बैठा हुआ हैं और उसके मुंह में खून लगा था । उसने सोचा की नेवले ने उसके बच्चे को काट लिया हैं और जोर से चिल्लाई और पूरी ताकत से नेवले को पीटना शुरू कर दिया, चोट की वजह से नेवला मर गया ।जब वह अंदर बच्चे को देखने गई तो उसने देखा बच्चा चैन से सो रहा था और बिस्तर के नीचे एक सांप मरा पड़ा था। तब जाकर उसे समझ में आया कि नेवले ने सांप को मारकर बच्चे को बचाया है । अब उसके पास पछतावा करने के अलावा कुछ नहीं बचा था ।
कहानी से सीख : बिना सोचे समझे कोई कदम नहीं उठाना चाहिए नहीं तो बाद में पछतावा के सिवा हाथ में कुछ नही होता ।
चार दोस्त Four Friends- Kids short stories
एक सुंदर जंगल में चार दोस्त रहते थे। एक हिरण, एक कछुआ, एक कौआ और एक चूहा । वो चारों हमेशा एक दूसरे के साथ रहते थे और एक आम के पेड़ के नीचे मिलते थे । रोज की तरह सभी आम के पेड़ के पास जमा हुए लेकिन हिरण उस दिन नहीं आया और उन्हें हिरण की चिंता होने लगी। कछुए ने कौए से हिरण को ढूंढने के लिए कहा, कौआ तुरंत हिरण की खोज में निकल पड़ा सभी जगह ढूंढने के बाद उसने देखा कि हिरण एक शिकारी के जाल में फंसा हुआ था वह मदद के लिए चिल्ला रहा था ।
कौए ने तुरंत अपने दोस्तों को सूचना दी की हिरण शिकारी के जाल में फँस गया है। उन्होंने प्लान बनाया की वो अपने दोस्त हिरण शिकारी के जाल से बचा के लायेंगे । कछुए ने जाल को काटने के लिए अपने दोस्त चूहे को भेजा, कौआ चूहे को अपनी पीठ पर बिठाकर उड़ा और कछुआ उनके पीछे आया। जल्दी पहुचकर चूहा अपने दांतों से जाल को काटने लगा और हिरण आजाद हो गया, लेकिन उसी वक्त वहां पर शिकारी आ गया । एक ही क्षण में कौआ पेड़ पर जा बैठा, चूहा पेड़ के पीछे जाकर छिप गया, हिरण दूर भाग गया लेकिन कछुआ तेज दौड़ नहीं सका । शिकारी ने कछुए को थैली में डाल दिया और अपने साथ ले जाने लगा ।
अब अपने दोस्त कछुए को खतरे से बचाने के लिए फिर उन्होंने एक उपाय सोचा। हिरण जाकर शिकारी के रास्ते में खड़ा हो गया । शिकारी ने हिरण को देखते ही थैले को नीचे गिरा दिया और हिरण के पीछे भागने लगा । चूहा ने आकर थैले को अपने दांतों से काट दिया और कछुए को आजाद करा लिया, हिरण भी तेज रफ़्तार से दौड़ कर शिकारी से बचकर भाग निकला ।
कहानी से सीख: सच्चे मित्र हमेशा मुसीबत में काम आते हैं औ अपने मित्र का साथ कभी नहीं छोड़ते हैं ।
सियारों का झुंड और हाथी– बच्चो की कहानी
एक दिन सियारों के एक झुंड ने एक हाथी को देखा। हाथी को देखकर उनके मुह में पानी आ गया और वह उसे अपना भोजन बनाने का तरीका सोचने लगें । उनमे से एक बूढ़ा सियार बोला, “चलो, मैं तुम लोगों को तरीका सुझाता हूँ। हाथी को मारने का एक तरीका है मेरे पास ।”
हाथी इधर-उधर घूम रहा था, बूढ़ा सियार उसके पास पहुँचा। बोला “महोदय, मैं एक सियार हूँ।, मुझे सारे जानवरों ने आपके पास भेजा है और हम सबने मिलकर तय किया है कि आपको जंगल का राजा बनाया जाए। आपके अंदर राजा के सारे गुण हैं। कृपया मेरे साथ चलिए और राजा का पद ग्रहण कीजिए और कार्य भाल संभाल लीजिये ।”
हाथी सियार की चालाकी को समझ नहीं पाया और सियार की चापलूसी भरी बातों में आ गया। वह सियार के साथ चला गया । सियार हाथी को एक झील के पास ले गया, जहाँ हाथी फिसल पड़ा और गहरे कीचड़ में फँस गया।
हाथी मदद की गुहार करने लगा, बोला “मेरी सहायता करो मित्र,” वह असहाय होकर चिल्लाने लगा। सियार ने फिर अपना असली रूप दिखाया और कुटिलता भरी मुस्कान से कहने लगा, “महोदय, आपने मेरे जैसे जानवर पर विश्वास किया। अब आपको इसकी कीमत जान देकर ही चुकानी पड़ेगी।”
हाथी असहाय होकर कीचड़ में फँसा रहा और मर गया। सारे सियारों ने मिलकर उसके गोश्त (मांस) की दावत उड़ाई।
कहानी से सीख : कभी भी किसी पर आँख बंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए।
भेड़िया आया, भेड़िया आया Story For Kids in Hindi
एक गाँव में एक चरवाहाअपने परिवार के साथ रहता था। चरवाहे का बेटा रोज अपने भेड़ों को चराने के लिए पहाड़ी पर ले जाया करता था। पूरा दिन पहाड़ी पर अकेले भेड़ों के साथ रहने में उसे बड़ी ऊब होती थी।
एक दिन बैठे-बैठे उसके शैतानी दिमाग ने मनोरंजन हेतु कुछ करने का सोचा और वह पहाड़ी पर से जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “बचाओ! बचाओ! भेड़िया आया, भेड़िया आया, बचाओ।”
गाँव वालों ने जब बच्चे की चीख सुनी तब सभी अपना काम धाम छोड़कर उसे बचाने के लिए भागे । उनका इस प्रकार भागकर आना गड़ेरियें के बेटे को बड़ा रोचक लगा।
वह खुश होकर ताली बजाता हुआ बोला, “मैं तो मजाक कर रहा था।”
गाँव वालों को लड़के का मजाक अच्छा नहीं लगा और वे बहुत क्रोधित हुए। लड़के को इसमें मजा आने लगा और वह थोड़े थोड़े दिनों के बाद फिर झूठा शोर मचाता भेड़िया आया भेड़िया आया और गाँव वाले अपना काम छोडकर बच्चे को बचाने पहुँच जाते और पता चलता कि बच्चा तो मजे ले रहा था गाँव वाले को बहुत बुरा लगता और बच्चे पर वो क्रोधित भी होते।
कुछ दिनों बाद एक दिन सचमुच भेड़िया आ गया। गड़ेरिये का बेटा डरकर एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया और चिल्लाने लगा, “बचाओ-बचाओ,
भेड़िया आया, बचाओ” किसानों ने उसकी आवाज सुनी पर सोचा कि यह फिर से मजाक कर रहा होगा। इसलिए इस बार कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया और भेड़िए ने कई भेड़ों को मार डाला और लड़का कुछ न कर सका।
कहानी से सीख: झूठे व्यक्ति का सच बोलने पर भी विश्वास नहीं करा जाता है।
खरगोश और उसके मित्र Story of Rabbit & his Friends
एक जंगल में एक खरगोश रहता था, उसके ढेर सारे मित्र थे। एक दिन खरगोश ने कुछ शिकारी कुत्तों की आवाज सुनी। वे जंगल की ओर आ रहे थे।
खरगोश बहुत डर गया। अपनी जान बचाने के लिए वह अपने मित्रों के पास सहायता मांगने गया।
घोड़े के पास पहुँचकर उसने सारी बात बताई और कहा, “क्या आप मेरी सहायता करेंगे? कृपया मुझे अपनी पीठ पर बिठाकर यहाँ से ले चलिए।”घोड़े ने कहा, “क्षमा करना भाई, मुझे अभी बहुत काम है।”
खरगोश बैल के पास गया और बोला, “मेरी जान पर बन आई है, क्या आप अपने नुकीले सींगों से शिकारी कुत्तों को डरा देंगे?” बैल ने कहा कि उसे किसान की पत्नी के पास जाना है।
खरगोश भालू के पास गया। उसने भी व्यस्तता का बहाना बनाया।
खरगोश ने बकरी के पास जाकर कहा, “बहन, शिकारी कुत्तों से मुझे बचा लो।” बकरी बोली, “मुझे उनसे बहुत डर लगता है । क्षमा करो, मैं जरा जल्दी में हूँ। तुम किसी और से सहायता ले लो।”
शिकारी कुत्ते बहुत पास आ चुके थे खरगोश ने अब भागना शुरु किया। सामने ही उसे एक बिल दिखाई दिया। उसमें छिपकर खरगोश ने अपनी जान बचाई।
कहानी से सीख : दूसरों पर निर्भर रहने की जगह स्वयं पर भरोसा करना चाहिए।
भेड़ की खाल में भेड़िया-बच्चो की कहानी
किसी जंगल के पास एक बेड़े में बहुत सारी भेड़ें रहती थीं। जंगल में रहने वाला भेड़िया उन्हें खाना चाहता था पर उसकी इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाती थी, क्यूकि भेड़ों की रखवाली के लिए चरवाहे ने बड़े ही चौकन्ने कुत्ते रखे हुए थे। भेड़िया कुत्तों के कारण उन्हें पकड़ नहीं पाता था।
एक दिन भेड़िये को एक तरकीब सूझी उसने ज़मीन एक भेड़ की खाल को जमीन पर पड़ा हुआ देखा। उसने सोचा, “इसे पहनकर मैं भेड़ों के झुंड में मिल जाऊँगा और चरवाहा मुझे पहचान भी नहीं पायेगा और मे अवसर पाते ही भेड़ों को खा जाऊंगा। भेड़ की खाल भेड़िए ने पहन ली और भेड़ों के झुंड में मिल गया।
एक दिन एक भेड़ भेड़िये के पीछे-पीछे चली गयी। भेड़िये ने मौका देखकर उस भेड़ को चट कर डाला। अगले दिन फिर भेड़िया खाल ओढ़कर भेड़ों के झुण्ड मे जा मिला।
एक दिन बेड़े के मालिक का भेड़ का मांस खाने का मन किया और उसने अपने रसोइये से भेड़ के भोजन की फरमाईश करी। रसोइया ने भेड़िये को भेड़ समझकर मार डाला।
कहानी से सीख: बुरा करने वाले का बुरा ही होता है।
प्यासा कौआ Thirsty Crow Story in Hindi
गर्मियों के दिन में एक कौआ प्यास से बेहाल था और पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था।
इतनी गर्मी में पानी की तलाश में लगातार उड़ते उड़ते वह बहुत थक गया और प्यास से उसका हाल बेहाल हो रहा था। धीरे-धीरे वह अपना धैर्य खोने लगा और थक हार के वह एक पेड़ पर बैठ गया कुछ देर बाद उसकी नज़र एक घड़े पर पड़ी। घड़े में पानी होने की आस में वह उड़कर घड़े के पास गया और उसके अंदर झांक कर देखा।
कौवे ने देखा कि घड़े में पानी तो है, परन्तु पानी इतना नीचे है कि उसकी चोंच वहाँ तक नहीं पहुँच सकती। वह उदास हो गया, उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे घड़े में रखे पानी तक पहुँचे। फिर वह पानी को पीने की तरकीब सोचने लगा। सोचते-सोचते उसकी नजर पास ही पड़े कंकड़ो के ढेर पर पड़ी। फिर बिना देर किये वह उड़कर कंकडों के ढेर पर पहुँचा और एक एक करके कंकड़ को अपनी चोंच से उठाकर घड़े में लाकर डालता गया। एक एक करके कंकड़ डालने से घड़े का पानी ऊपर आने लगा। कुछ ही देर में घड़े का पानी ऊपर आ गया और कौवे ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझा ली कौवे की मेहनत रंग लाई और अपनी सूझ बूझ से वह पानी पीकर संतुष्ट हो गया।
कहानी से सीख: चाहे समय कितना ही कठिन क्यों न हो, धैर्य से काम लेना चाहिए और उस कठिनाई से निकलने के लिए बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए. धैर्य और बुद्धि से हर समस्या का निवारण संभव है।
घमंडी बारहसिंघा Kids Stories in Hindi
एक बारहसिंघा था। वह अक्सर एक तालाब के पास जाया करता था और पानी में अपनी परछाई देखकर प्रसन्न होते हुए सोचने लगा, “ईश्वर ने मुझे इतने सुंदर सींग दिए हैं! काश मेरे पैर भी इतने ही सुंदर होते!”ये इतने पतले हैं की इन्हें देखकर मे दुखी हो जाता हूँ।
एक दिन एक शेर ने उसका पीछा किया। बारहसिंघा शेर से अपनी जान बचाने के लिए घने जंगल की ओर भागा, लेकिन उसके सींग एक घनी झाड़ी में फंस गई। उसे लगा कि अब उसकी मौत निश्चित हैं, वह अपने सींगों को कोसने लगा।
फिर उसने अपने मज़बूत पैरों की सहायता से अपने आपको झाड़ी से मुक्त करने में सफल रहा और अपने मजबूत पैरो से लंबी लंबी छलांग लगते हुए जंगल में भाग गया और शेर से अपनी जान बचने में सफल रहा।
उस दिन बारहसिंघा को अपने पैरों की ताकत का अहसास हुआ और उसकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया, वह सोचने लगा जिन सींगों पर मुझे गुमान था आज उन्होंने ही मुझे ही संकट में दाल दिया था और जिन पैरो को मैं कुरूप समझता था उन्ही की वजह से आज मैं आज अपनी जान बचने में कामयाब रहा , उसके बाद से उसने अपने पैरों को कभी कुरूप नहीं माना।
कहानी से सीख: अपनी ताकत को पहचानो।
अंगूर खट्टे हैं – लोमड़ी और अंगूर की कहानी
एक दिन भरी दोपहर में एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी, वहाँ चलते-चलते रास्ते में उसकी नज़र अंगूर की बेल में लटके हुए अंगूरों पर पड़ी। अंगूर के गुच्छे इतने स्वादिष्ट लग रहे थे कि अंगूर देखते ही लोमड़ी के मुह में पानी आ गया।
लोमड़ी ने सोचा यदि वह अंगूर का पूरा गुच्छा साथ ले जाती है तो दिनभर उसे खाने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। लोमड़ी स्वादिष्ट अंगूर को खाने के लिए लपकी, किंतु अंगूर बहुत ऊंचाई पर होने के करण वह उन तक नहीं पहुँच पा रही थी। लोमड़ी ने अंगूरों तक पहुँचने के लिए एक बार पुनः प्रयास किया और ऊंची छलांग लगाई पर इस बार भी उसका प्रयास सफल नहीं हुआ।
बेचारी लोमड़ी थक हार कर एक जगह बैठ गई और थोड़ी देर बाद उसने यह सोचकर फिर से एक ऊंची छलांग लगाई कि इस बार वह इन स्वादिष्ट अंगूरों का आनंद जरूर ले लेगी किंतु इस बार भी वह असफल रही।
अब क्या था कई बार प्रयास करने के बाद भी जब उस लोमड़ी को अंगूर नहीं मिले तो उसने यह कह कर अपने मन को समझा लिया कि अंगूर खट्टे हैं, इन्हें खाकर कोई फायदा नहीं है। अंत में बेचारी लोमड़ी थक हार कर अपने घर वापस चली गई।
कहानी से सीख: किसी चीज को न पा सकने के बहाने बनाने के बजाय उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी।
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धन्यवाद 🙏