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BR Ambedkar Quotes in Hindi and Images बाबा साहेब के अनमोल विचार फोटो
भारत को संविधान देने वाले डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। लोगो के बीच में वो डॉ॰ बाबासाहब अम्बेडकर नाम से लोकप्रिय है । BR Ambedkar Quotes in Hindi बाबा साहेब के अनमोल विचार फोटो बाबा साहेब और इस्लाम पर उनके विचार
उन्होंने दलितों के प्रति हो रहे सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध दलित बौद्ध आन्दोलन चलाया । वो एक महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजसुधारक, विद्वान, दार्शनिक और समाजसेवी थे । बाबासाहेब के जीवन का एक मात्र लक्ष्य था समाज के पीड़ित ( दलितों) को न्याय दिलाना, जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान के लिए समर्पित कर दिया।
भीमराव अम्बेडकर का जन्म
डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू नामक सैन्य छावनी में हुआ था। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई थी। वो अपने माता पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे। उनका जन्म हिन्दू धर्म में महार (दलित) जाती में हुआ था, उस समय महार जाती को अछूत मन जाता था, जिसकी वजह से उन्हें सामजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव सहना पड़ता था। BR Ambedkar Quotes in Hindi
भीमराव अम्बेडकर की शिक्षा
भीमराव अम्बेडकर 7 नवंबर 1900 को अंग्रेजी की पहली कक्षा में सातारा नगर में राजवाड़ा चौक पर स्थित गवर्न्मेण्ट हाईस्कूल (अब प्रतापसिंह हाईस्कूल) में प्रवेश लिया। 7 नवंबर को महाराष्ट्र में विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं क्यूकि इसी दिन से उनके शैक्षिक जीवन का आरम्भ हुआ था।
अम्बेडकर का परिवार 1897 में मुंबई चला गया जहां उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने 1907 में अपनी मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की और अगले वर्ष उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज में प्रवेश किया।
उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में 1912 में कला स्नातक (बी॰ए॰) उत्तीर्ण किया।
अमेरिका के न्यूयॉर्क नगर स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से जून 1915 में उन्होंने अपनी कला स्नातकोत्तर (एम॰ए॰) परीक्षा पास की। जिसमें अर्थशास्त्र प्रमुख विषय, समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र और मानव विज्ञान अन्य विषय थे। उन्होंने स्नातकोत्तर के लिए एंशियंट इंडियन्स कॉमर्स (प्राचीन भारतीय वाणिज्य) विषय पर शोध कार्य प्रस्तुत किया।
आम्बेडकर विपुल प्रतिभा के छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधियाँ प्राप्त कीं तथा विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में शोध कार्य भी किये थे
अम्बेडकर का बौद्ध धर्म में शामिल होना
हिन्दू पन्थ में व्याप्त कुरूतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकार सन 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। सन 1990 में, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से मरणोपरान्त उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
14 अप्रैल को उनका जन्म दिवस आम्बेडकर जयन्ती के तौर पर भारत समेत दुनिया भर में मनाया जाता है।
अम्बेडकर का राजनैतिक जीवन
आंबेडकर का राजनीतिक कैरियर 1926 में शुरू हुआ और 1956 तक वो राजनीतिक क्षेत्र में विभिन्न पदों पर रहे। दिसंबर 1926 में, बॉम्बे के गवर्नर ने उन्हें बॉम्बे विधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया; उन्होंने अपने कर्तव्यों को गंभीरता से लिया, और अक्सर आर्थिक मामलों पर भाषण दिये। वे 1936 तक बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य थे। BR Ambedkar Quotes in Hindi
Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi बाबा साहेब के अनमोल विचार
हम आपके लिए यहाँ इस पोस्ट में बाबा साहेब के अनमोल विचार Dr B R Ambedkar Quotes in Hindi ले कर आये हैं ।
राजनीति में हिस्सा ना लेने का सबसे बड़ा दंड यह है कि अयोग्य व्यक्ति आप पर शासन करने लगता है।
BR Ambedkar
एक विचार को प्रसार की उतनी ही आवश्यकता होती है जितना कि एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाएंगे और मर जायेंगे।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Caste System जाति व्यवस्था पर बाबा साहेब के विचार
समाज को श्रेणीविहीन और वर्णविहीन करना होगा क्योंकि श्रेणी ने इंसान को दरिद्र और वर्ण ने इंसान को दलित बना दिया। जिनके पास कुछ भी नहीं है, वे लोग दरिद्र माने गए और जो लोग कुछ भी नहीं है वे दलित समझे जाते हैं।
BR Ambedkar
राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
BR Ambedkar
महात्मा आये और चले गये। परन्तु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं।
BR Ambedkar
वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जातिविहीन करना होगा।
BR Ambedkar
मनुवाद को जड़ से समाप्त करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है।
BR Ambedkar
संवैधानिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं हैं जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते।
BR Ambedkar
छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकार वसूल करना होता है।
BR Ambedkar
समाजवाद के बिना दलित-मेहनती इंसानों की आर्थिक मुक्ति संभव नहीं।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Society समाज पर बाबा साहेब के विचार BR Ambedkar Quotes in Hindi
पानी की बूंद जब सागर में मिलती है तो अपनी पहचान खो देती है। इसके विपरीत व्यक्ति समाज में रहता है पर अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए पैदा नहीं हुआ बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है।
BR Ambedkar
क़ानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है। जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
BR Ambedkar
बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए ।
BR Ambedkar
जो कौम अपना इतिहास नही जानती है, वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है।
BR Ambedkar
संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है बल्कि यह जीवन जीने का एक माध्यम है।
BR Ambedkar
Inspirational Quotes of BR Ambedkar
मैं बहुत मुश्किल से इस कारवां को इस स्थिति तक लाया हूं। यदि मेरे लोग, मेरे सेनापति इस कारवां को आगे नहीं ले जा सकें, तो पीछे भी मत जाने देना।
BR Ambedkar
यदि हमें अपने पैरों पर खड़े होना है, अपने अधिकार के लिए लड़ना है, तो अपनी ताकत और बल को पहचानो। क्योंकि शक्ति और प्रतिष्ठा संघर्ष से ही मिलती है।
BR Ambedkar
जिसे अपने दुखों से मुक्ति चाहिए, उसे लड़ना होगा। और जिससे लड़ना है उसे उससे पहले अच्छे से पढ़ना होगा। क्योंकि ज्ञान के बिना लड़ने गए तो आपकी हार निश्चित है।
BR Ambedkar
एक महान व्यक्ति एक प्रख्यात व्यक्ति से एक ही बिंदु पर भिन्न है कि महान व्यक्ति समाज का सेवक बनने के लिए तत्पर रहता है।
BR Ambedkar
महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्य नहीं है।
BR Ambedkar
स्वतंत्रता का अर्थ साहस है, और साहस एक पार्टी में व्यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है।
BR Ambedkar
जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए।
BR Ambedkar
अच्छा दिखने के लिए नहीं, बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।
BR Ambedkar
देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहियें।
BR Ambedkar
मैं राजनीतिक सुख भोगने नहीं बल्कि नीचे दबे हुए अपने भाईओं को अधिकार दिलाने आया हूँ।
BR Ambedkar
भाग्य से ज्यादा अपने आप पर विश्वास करो। भाग्य में विश्वास रखने के बजाय शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes in Hindi
BR Ambedkar Quotes on Religion धर्म पर बाबा साहेब के विचार
यदि हम आधुनिक विकसित भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों को एक होना पड़ेगा।
BR Ambedkar
कुछ लोग सोचते हैं कि धर्म समाज के लिए आवश्यक नहीं है। मैं यह दृष्टिकोण नहीं रखता। मैं धर्म की नींव को समाज के जीवन और प्रथाओं के लिए आवश्यक मानता हूं।
BR Ambedkar
आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता, समानता और भाई -चारे को स्थापित करते हैं और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।
BR Ambedkar
धर्म पर आधारित मूल विचार व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए एक वातावरण बनाना है।
BR Ambedkar
आप स्वाद को बदल सकते हैं परन्तु जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
BR Ambedkar
इतिहास गवाह है जब नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष हुआ है वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Education शिक्षा पर बाबा साहेब के विचार
समाज में अनपढ़ लोग हैं ये हमारे समाज की समस्या नही है। लेकिन जब समाज के पढ़े लिखे लोग भी गलत बातों का समर्थन करने लगते हैं और गलत को सही दिखाने के लिए अपने बुद्धि का उपयोग करते हैं, यही हमारे समाज की समस्या है।
BR Ambedkar
शिक्षा वो शेरनी है। जो इसका दूध पिएगा वो दहाड़ेगा।
BR Ambedkar
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
BR Ambedkar
ज्ञान हर व्यक्ति के जीवन का आधार है।
BR Ambedkar
शिक्षा महिलाओं के लिए भी उतनी ही जरूरी है जितनी पुरुषों के लिए।
BR Ambedkar
इस पूरी दुनिया में गरीब वही है, जो शिक्षित नहीं है। इसलिए आधी रोटी खा लेना, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाना।
BR Ambedkar
मैं एक समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।
BR Ambedkar
हमारे संविधान में मत का अधिकार एक ऐसी ताकत है जो कि किसी ब्रह्मास्त्र से कही अधिक ताकत रखता है।
BR Ambedkar
उदासीनता सबसे खतरनाक बीमारी है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।
BR Ambedkar
देश के विकास से पहले हमें अपनी बुद्धि के विकास की आवश्यकता है।
BR Ambedkar
जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Injustice अन्याय पर बाबा साहेब के विचार
अन्याय से लड़ते हुए आपकी मौत हो जाती है, तो आपकी आने वाली पीढ़ियां उसका बदला जरूर लेंगी। और अगर अन्याय सहते हुए आपकी मौत हो जाती है, तो आपकी आने वाली पीढ़ियां भी गुलाम बनी रहेंगी।
BR Ambedkar
अगर मुझे लगा कि मेरे द्वारा बनाये गए संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो सबसे पहले मैं इसे जलाऊंगा।
BR Ambedkar
निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
BR Ambedkar
हमारे देश के संविधान में मतदान का अधिकार एक ऐसी ताकत है, जो किसी ब्रह्मास्त्र से कहीं अधिक ताकत रखता है।
BR Ambedkar
मैं समझता हूं कि कोई संविधान चाहे जितना अच्छा हो, वह बुरा साबित हो सकता है, यदि उसका अनुसरण करने वाले लोग बुरे हों। एक संविधान चाहे जितना बुरा हो, वह अच्छा साबित हो सकता है, यदि उसका पालन करने वाले लोग अच्छे हों।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Relationship
पति – पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ठ मित्रों के सम्बन्ध के सामान होना चाहिए।
BR Ambedkar
BR Ambedkar Quotes on Islam इस्लाम पर बाबा साहेब के विचार
बुर्का प्रथा पर बाबा साहेब के विचार BR Ambedkar Quotes in Hindi
पर्दा प्रथा की वजह से मुस्लिम महिलाएं अन्य जातियों की महिलाओं से पिछड़ जाती हैं। वो किसी भी तरह की बाहरी गतिविधियों में भाग नहीं ले पातीं हैं जिसके चलते उनमें एक प्रकार की दासता और हीनता की मनोवृत्ति बनी रहती है। उनमें ज्ञान प्राप्ति की इच्छा भी नहीं रहती क्योंकि उन्हें यही सिखाया जाता है कि वो घर की चारदीवारी के बाहर वे अन्य किसी बात में रुचि न लें।
पर्दे वाली महिलाएं प्राय: डरपोक, निस्साहय, शर्मीली और जीवन में किसी भी प्रकार का संघर्ष करने के अयोग्य हो जाती हैं। भारत में पर्दा करने वाली महिलाओं की विशाल संख्या को देखते हुए कोई भी आसानी से ये समझ सकता है कि पर्दे की समस्या कितनी व्यापक और गंभीर है। BR Ambedkar Quotes in Hindi
पर्दा प्रथा ने मुस्लिम पुरुषों की नैतिकता पर विपरीत प्रभाव डाला है। पर्दा प्रथा के कारण कोई मुसलमान अपने घर-परिवार से बाहर की महिलाओं से कोई परिचय नहीं कर पाता। घऱ की महिलाओं से भी उसका संपर्क यदा-कदा बातचीत तक ही सीमित रहता है। बच्चों और वृद्धों के अलावा पुरुष अन्य महिलाओं से हिल-मिल नहीं सकता, अपने अंतरंग साथी से भी नहीं मिल पाता। महिलाओं से पुरुषों की ये पृथकता निश्चित रूप से पुरुष के नैतिक बल पर विकृत प्रभाव डालती है। ये कहने के लिए किसी मनोवैज्ञानिक विश्लेषण की आवश्यकता नहीं कि ऐसी सामाजिक प्रणाली से जो पुरुषों और महिलाओं के बीच के संपर्क को काट दे उससे यौनाचार के प्रति ऐसी अस्वस्थ प्रवृत्ति का सृजन होता है जो आप्राकृतिक और अन्य गंदी आदतों और साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।
BR Ambedkar
ऐसा नहीं है कि पर्दा और ऐसी ही अन्य बुराइयां देश के कुछ भागों में हिंदुओं के कई वर्गों में प्रचलित नहीं है। परंतु अंतर केवल यही है कि मुसलमानों में पर्दा-प्रथा को एक धार्मिक आधार पर मान्यता दी गई है, लेकिन हिंदुओं में ऐसा नहीं है। हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों में पर्दा-प्रथा की जड़े गहरी हैं। मुसलमानों में पर्दाप्रथा एक वास्तविक समस्या है और जबकि हिंदुओं में ऐसा नहीं है। मुसलमानों ने इसे समाप्त करने का कभी प्रयास किया हो इसका भी कोई साक्ष्य नहीं मिलता है।
BR Ambedkar
मुसलमानों ने समाज में मौजूद बुराइयों के खिलाफ कभी कोई आंदोलन नहीं किया। हिंदुओं में भी सामाजिक बुराइयां मौजूद हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि वो अपनी इस गलती को मानते हैं और उसके खिलाफ आंदोलन भी चला रहे हैं। लेकिन मुसलमान तो ये मानते ही नहीं हैं कि उनके समाज में कोई बुराई है। दरअसल मुसलमान समाज सुधार के प्रबल विरोधी हैं
BR Ambedkar
हिंदुओं के वर्चस्व की वजह से मुसलमान हर उस चीज़ को सुरक्षित रखने पर ज़ोर देता है जो कि इस्लामी है। वो ये जांचने-पऱखने की हिम्मत भी नहीं करता कि ये मुस्लिम समाज के लिए लाभप्रद है या हानिकारक। भारतीय मुसलमान ये महसूस करता है कि दमन और राजनैतिक दवाब उसे दलित बना देगा। इसी के चलते वो हिंदुओं की सामाजिक और राजनैतिक सोच में विलीन होने से बचता है और इसीलिए भारत का मुसलमान अन्य देशों के मुसलमानों की तुलना में सामाजिक सुधार के मामले में पिछड़ा हुआ है।
चुनावी सीटों और पदों के लिए लगातार संघर्ष में मुसलमानों की ज्यादातर ऊर्जा नष्ट हो जाती है और उनके पास अपने समाजिक सुधार के बारे में सोचने का समय नहीं बचता है और बाकी का समय सांप्रदायिक तनाव की भेंट चढ़ जाता है। हिंदुओं के हावी होने के डर से मुसलमान एकजुट होकर अपनी सामाजिक-धार्मिक एकता को हर कीमत पर बचाए रखना चाहते हैं।
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BR Ambedkar Quotes on Qafir Islamic Caste System काफिर और इस्लामिक जाति व्यवस्था पर बाबा साहेब के विचार
हिन्दू काफ़िर सम्मान के योग्य नहीं-”मुसलमानों के लिए हिन्दू काफ़िर हैं, और एक काफ़िर सम्मान के योग्य नहीं है। वह निम्न कुल में जन्मा होता है, और उसकी कोई सामाजिक स्थिति नहीं होती। इसलिए जिस देश में क़ाफिरों का शासनहो, वह मुसलमानों के लिए दार-उल-हर्ब है ऐसी स्थिति में यह साबित करने के लिए और सबूत देने की आवश्यकता नहीं है कि मुसलमान हिन्दू सरकार के शासन को स्वीकार नहीं करेंगे।
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मुस्लिम भ्रातृभाव केवल मुसलमानों के लिए-”इस्लाम एक बंद निकाय की तरह है, जो मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच जो भेद यह करता है, वह बिल्कुल मूर्त और स्पष्ट है। इस्लाम का भ्रातृभाव मानवता का भ्रातृत्व नहीं है, मुसलमानों का मुसलमानों से ही भ्रातृभाव मानवता का भ्रातृत्व नहीं है, मुसलमानों का मुसलमानों से ही भ्रातृत्व है। यह बंधुत्व है, परन्तु इसका लाभ अपने ही निकाय के लोगों तक सीमित है और जो इस निकाय से बाहर हैं, उनके लिए इसमें सिर्फ घृणा ओर शत्रुता ही है।
इस्लाम का दूसरा अवगुण यह है कि यह सामाजिक स्वशासन की एक पद्धति है और स्थानीय स्वशासन से मेल नहीं खाता, क्योंकि मुसलमानों की निष्ठा, जिस देश में वे रहते हैं, उसके प्रति नहीं होती, बल्कि वह उस धार्मिक विश्वास पर निर्भर करती है, जिसका कि वे एक हिस्सा है। एक मुसलमान के लिए इसके विपरीत या उल्टे सोचना अत्यन्त दुष्कर है।
जहाँ कहीं इस्लाम का शासन हैं, वहीं उसका अपना विश्वासहै। दूसरे शब्दों में, इस्लाम एक सच्चे मुसलमानों को भारत को अपनी मातृभूमि और हिन्दुओं को अपना निकट सम्बन्धी मानने की इज़ाजत नहीं देता। सम्भवतः यही वजह थी कि मौलाना मुहम्मद अली जैसे एक महान भारतीय, परन्तु सच्चे मुसलमान ने, अपने, शरीर को हिन्दुस्तान की बजाए येरूसलम में दफनाया जाना अधिक पसंद किया।
जाति प्रथा को लीजिए। इस्लाम भ्रातृ-भाव की बात कहता है। हर व्यक्ति यही अनुमान लगाता है कि इस्लाम दास प्रथा और जाति प्रथा से मुक्त होगा। गुलामी के बारे में तो कहने की आवश्यकता ही नहीं। अब कानून यह समाप्त हो चुकी है। परन्तु जब यह विद्यमान थी, तो ज्यादातर समर्थन इसे इस्लाम और इस्लामी देशों से ही मिलता था। कुरान में पैंगबर ने गुलामों के साथ उचित इस्लाम में ऐसा कुछ भी नहीं है जो इस अभिषाप के उन्मूलन के समर्थन में हो।
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गुलाम या दास प्रथा समाप्त हो जाने में मुसलमानों का कोई हाथ नहीं है, क्योंकि जब इस प्रथा के बंधन ढीले करने का अवसर था, तब मुसलमानों ने उसको मजबूती से पकड़ लिया….. किसी मुसलमान पर यह दायित्व नहीं है कि वह अपने गुलामों को मुक्त कर दें
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मुस्लिम धर्म के सिद्धान्तों के अनुसार, विश्व दो हिस्सो में विभाजित है
-दार-उल-इस्लाम तथा दार-उल-हर्ब।
मुस्लिम शासित देश दार-उल-इस्लाम हैं। वह देश जिसमें मुसलमान सिर्फ रहते हैं, न कि उस पर शासन करते हैं, दार-उल-हर्ब है।
मुस्लिम धार्मिक कानून का ऐसा होने के कारण भारत हिन्दुओं तथा मुसलमानों दोनों की मातृभूमि नहीं हो सकती है। यह मुसलमानों की धरती हो सकती है-किन्तु यह हिन्दुओं और मुसलमानों की धरती, जिसमें दोनों समानता से रहें, नहीं हो सकती। फिर, जब इस पर मुसलमानों का शासन होगा तो यह मुसलमानों की धरती हो सकती है।
इस समय यह देश गैर-मुस्लिम सत्ता के प्राधिकार के अन्तर्गत हैं, इसलिए मुसलमानों की धरती नहीं हो सकती। यह देश दार-उल-इस्लाम होने की बजाय दार-उल-हर्ब बन जाता है। हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि यह दृष्टिकोण केवल शास्त्रीय है। यह सिद्धान्त मुसलमानों को प्रभावित करने में बहुत कारगर कारण हो सकता है।
यह बात स्वीकार कर लेनी चाहिए कि पाकिस्तान बनने से हिन्दुस्तान साम्प्रदायिक समस्या से मुक्त नहीं हो जाएगा। सीमाओं का पुनर्निर्धारण करके पाकिस्तान को तो एक सजातीय देश बनाया जा सकता हे, परन्तु हिन्दुस्तान तो एक मिश्रित देश बना ही रहेगा। मुसलमान समूचे हिन्दुस्तान में छितरे हुए हैं-यद्यपि वे मुखयतः शहरों और कस्बों में केंद्रित हैं। चाहे किसी भी ढंग से सीमांकन की कोशिश की जाए, उसे सजातीय देश नहीं बनाया जा सकता। हिन्दुस्तान को सजातीय देश बनाने का एकमात्र तरीका है, जनसंखया की अदला-बदली की व्यवस्था करना। यह अवश्य विचार कर लेना चाहिए कि जब तक ऐसा नहीं किया जाएगा, हिन्दुस्तान में बहुसंखयक बनाम अल्पसंखयक की समस्या और हिन्दुस्तान की राजनीति में असंगति पहले की तरह बनी ही रहेगी।
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इस पोस्ट में हमने आपको Life changing BR Ambedkar Quotes in Hindi and Images | बाबा साहेब के अनमोल विचार फोटो आदि के बारे में बताया है। आशा करते है की आप को बाबा साहेब अंबेडकर के अनमोल विचार अच्छे लगे होंगे Please Comment।