दोस्तों, CoronaVirus पूरे विश्व में फैल चुका है। इसके बारे में काफी भ्रामक प्रचार Social Media Networks जैसे Facebook, Twitter, WhatsApp आदि के माध्यम से फैलाया जा रहा है, इनमें से कुछ सही है तो कुछ पूर्णतया गलत है। आज हम आपके लिए इसके बारे में हो रहे दावों, सूचनाओं को सवाल जवाब के माध्यम से पेश करने जा रहे हैं ताकि इसके बारे में फैले भ्रम, मिथ्या प्रचार, प्रपंच को दूर कर सके।
नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर चर्बी की सुरक्षा-परत चढ़ी हुई होती है। यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है।
कोरोना वायरस के विघटन की मुद्दत का दारोमदार, इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं? इत्यादि बातों पर निर्भर करता है।
कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है। इसके ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है। ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं। 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस वक़्त जब आप बाहर से घर में आए हों।
हाँ! गर्मी चर्बी को जल्दी पिघला देती है। इसके लिये कम से कम 25 डिग्री गर्म (गुनगुने से थोड़ा तेज़) पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिये। छींकते या खाँसते वक़्त इस्तेमाल किये जाने वाले रुमाल को 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिये। गोश्त, चिकन या सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक के पानी में डालकर धोना चाहिये।
हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 पर्सेंट से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वर्ना नहीं।
हाँ! लेकिन इसके लिये पानी में ब्लीच की मात्रा 20% होनी चाहिये। ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ देते हैं। इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का उन सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिये जहाँ-जहाँ हमारे हाथ लगते हैं। टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से साफ़ करना चाहिये।
प्रश्न (07) कोरोना वायरस कैसे फैलता है ..?
छुआछूत से, कोरोना संक्रमित व्यक्ति अथवा संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से। अर्थात- संक्रमित व्यक्ति व संक्रमित वस्तुवों के संपर्क में आने से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है।
प्रश्न (08) संक्रमण से कैसे बचें…?
संक्रमित व्यक्ति व संक्रमित वस्तुओं से सावधानी पूर्वक उचित दूरी बनाए रखें तभी आप संक्रमित होने से बच सकते हैं।
प्रश्न (09) संक्रमित व्यक्ति को कैसे पहचानें …?
शुरूवाती दिनों में पहचानना मुश्किल है। सरकारी विभागों के विज्ञापन व लक्षणों के आधार पर आप अनुमान लगा सकते हैं । महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने आस-पड़ोस में बिना सावधानी के टहलने वाले लापरवाह व्यक्ति जो कोरोनावायरस से सावधानी पूर्वक बचाव नहीं करता बल्कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में भी हो सकता है। ऐसे लोगों से दूर ही रहें। साथ ही हो सकता है नियंत्रण कार्य में लगे हुए सेवाकर्मी व अस्पतालकर्मी भी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आकर संक्रमित हो गये हो वे भी संक्रमित कर सकते हैं।
प्रश्न (10) भारत में कोरोनावायरस से संक्रमित व पीड़ित व्यक्तियों को आसानी से कैसे पहचानें?
जिनकी जांच व पहचान हो चुकी है उनकी पूरी सूची सिर्फ सरकार के पास है और नई सूची भी बन रही है। यदि अनिवार्य हुआ तो उचित समय पर सरकार के द्वारा ही आप सबको भी बताया जाएगा
नहीं! कीटाणु सजीव होते हैं इसलिये उनको एंटीबायोटिक यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता। यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता।
जिन चीज़ों का सवाल न. 08 में ज़िक्र किया गया है उनको हवा में हिलाने या झाड़ने से कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है। कोरोना वायरस हवा में तीन घण्टे तक रह सकता है, उसके बाद ये ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है।
कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक या एसी की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर ज़्यादा देर तक विघटित नहीं होता। सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है। इसलिए जब तक इसका प्रकोप है तब तक ए.सी. या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।
सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानि तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिए चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
नहीं! तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है।
नहीं! सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता। इसलिये सिरका वाले पानी से हाथ-मुँह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है।